उत्तराखंड : अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला, 17 संस्थानों ने 1058 अपात्र छात्रों को बांटी छात्रवृत्तियां!

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देहरादून  : उत्तराखंड में केंद्र पोषित अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की आशंका सही साबित हुई है। चार जिलों के 17 शैक्षणिक संस्थानों में 1058 ऐसे अपात्र छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई, जो या तो मानदंडों पर खरे नहीं उतरते थे या फिर वास्तव में मौजूद ही नहीं थे।

शासन को प्राप्त जांच रिपोर्ट के अनुसार लगभग 91 लाख रुपये की छात्रवृत्तियां गलत तरीके से वितरित की गई हैं। सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग धीराज गर्ब्याल ने बताया कि रिपोर्ट का गहन परीक्षण किया जा रहा है और जल्द ही संलिप्त संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश जारी किए जाएंगे।

जांच की पूरी पड़ताल

गौरतलब है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने उत्तराखंड के 92 संस्थानों (स्कूलों और मदरसों सहित) में वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान छात्रवृत्ति योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। मंत्रालय ने 21 मार्च और 7 मई को राज्य शासन को पत्र भेजकर तत्काल जांच की मांग की थी। राज्य शासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा और उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच समितियाँ गठित की गईं। सोमवार को सभी जिलों से आई रिपोर्ट में 17 संस्थानों में स्पष्ट अनियमितताएं सामने आईं।

चौंकाने वाले खुलासे

  • कुछ संस्थानों में छात्र नाममात्र के भी नहीं थे, फिर भी लाखों की छात्रवृत्ति जारी कर दी गई।

  • कई छात्रों को ऐसे हालात में लाभ दिया गया जो अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना की पात्रता शर्तों के अनुरूप नहीं थे।

  • कई दस्तावेज फर्जी या अपूर्ण पाए गए।

जिला दोषी संस्थानों की संख्या
ऊधम सिंह नगर 07
हरिद्वार 06
नैनीताल 02
रुद्रप्रयाग 02

अब इस पूरे मामले में शासन केंद्रीय मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट भेज रहा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, जिन संस्थानों ने फर्जी छात्रों के नाम पर धनराशि ली है, उनसे राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही जालसाजी, धोखाधड़ी और सरकारी धन के दुरुपयोग के तहत FIR दर्ज की जाएगी।

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