उत्तराखंड कैबिनेट ने दी ‘महक क्रांति नीति’ को मंजूरी, 91,000 किसानों को मिलेगा लाभ

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में कुल 6 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें उत्तराखंड में सगंध खेती को बढ़ावा देने के लिए ‘महक क्रांति नीति’ को मंजूरी देना सबसे प्रमुख रहा।
महक क्रांति नीति
उत्तराखंड सरकार ने लंबे समय से चर्चा में रही ‘महक क्रांति नीति’ को अंततः हरी झंडी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य सगंध फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देना और उत्तराखंड को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सगंध उत्पादों के लिए एक ब्रांड के रूप में स्थापित करना है। हाल ही में सौगंध पौधा केंद्र द्वारा तिमरु से तैयार किया गया परफ्यूम, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा था, इस नीति की प्रेरणा का एक प्रमुख आधार रहा।
नीति के पहले चरण में 2026 से 2036 तक ‘सशक्त उत्तराखंड’ के संकल्प को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 91,000 किसानों को जोड़कर 22,750 हेक्टेयर भूमि पर सगंध खेती शुरू की जाएगी। किसानों को प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, जिसमें एक हेक्टेयर तक की खेती पर 80% और उससे अधिक भूमि पर 50% सब्सिडी दी जाएगी। यह नीति सगंध खेती के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट निर्णय
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कारागार प्रशासन में सुधार: उत्तराखंड कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग के ढांचे में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके तहत अधीनस्थ कारीगरों के लिए 24 नए पद और सुधारात्मक विंग के लिए 3 पद सृजित किए जाएंगे।
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पीएम आवास योजना: रुद्रपुर में पीएम आवास योजना के तहत निर्मित 1,872 EWS मकानों के निर्माण में लगी अतिरिक्त 27.85 करोड़ रुपये की लागत को राज्य सरकार वहन करेगी।
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शिक्षा के क्षेत्र में पहल: पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के तहत वर्तमान में 5 मुफ्त शैक्षिक टीवी चैनलों का प्रसारण किया जा रहा है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), NCERT, नई दिल्ली और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस कार्यक्रम के संचालन के लिए 8 नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई।
उत्तराखंड के लिए नई दिशा
महक क्रांति नीति और अन्य फैसलों के जरिए उत्तराखंड सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। खास तौर पर सगंध खेती को बढ़ावा देने की यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान भी दिलाएगी।