जिला सहकारी बैंक हरिद्वार में “एकमुश्त” समाधान योजना लागू

रुड़की । जिला सहकारी बैंक लि० हरिद्वार से जनपद हरिद्वार की समस्त बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के मृतक बकायेदार सदस्यों द्वारा लिये गये कृषि ऋणों को उनके गारण्टरों / आश्रितों / वारिसान द्वारा समिति का ऋण चुकाने पर शत-प्रतिशत ब्याज माफी के लिए “एकमुश्त समाधान योजना बैंक में लागू कर दी गयी है।

जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष बैंक अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने बताया कि यह योजना जनपद की समस्त कृषि ऋण समितियों द्वारा वितरित समस्त अल्पकालीन एवं मध्यकालीन ऋणों पर प्रभावी होगी। इस योजना का लाभ ऐसे ऋणी सदस्यों जिनकी मृत्यु हो चुकी है, के गारण्टर/आश्रित/वारिसान सम्पूर्ण बकाया धनराशि में मूलधन और ब्याज में से केवल मूलधन की धनराशि जमा करने पर उक्त ऋण का शतप्रतिशत ब्याज की धनराशि माफ कर दी जायेगी। किसानो के लिए योजना 30 सितम्बर, 2023 तक प्रभावी होगी। जिला सहायक निबन्धक, सहकारी समितियाँ, जनपद हरिद्वार पुष्कर सिंह पोखरिया एवं बैंक सचिव/महाप्रबन्धक रामयज्ञ तिवारी ने योजना का लाभ लेने के लिये लाभार्थियों से बैंक की नजदीकी समिति / शाखा से सम्पर्क करने की अपील की है। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने कहा है कि सहकारी समिति के मृत किसानों के लोन का ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने ‘एमपैक्स, एकमुश्त समाधान’ योजना का शुभारंभ किया। योजना के तहत प्रदेश भर में 30 सितंबर तक ब्याज माफ अभियान चलाया जाएगा, ताकि मृत किसानों के परिजन कृषि लोन का मूलधन जमाकर लोन से मुक्ति पा सके। सहकारी समिति से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में कुल 31 हजार 221 मृत किसान बकायेदार हैं, जिनपर ब्याज सहित 123 करोड़ 40 लाख रुपए बकाया है।
दरअसल, आजादी के बाद से उत्तराखंड के जिन किसानों ने कृषि लोन लिया था और लोन चुकाने से पहले ही उनका निधन हो गया, उनकी जानकारी समिति के पास मौजूद है. सरकार का कहना है कि ऐसे मृत किसानों के परिजन समिति के योजनाओं के तहत अन्य लोन नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे में समिति ने मृत किसानों के परिजनों को बड़ी राहत देने का फैसला लिया है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और सहकारी समितियों का के कारोबार में फिर से वृद्धि आ सकेगी। जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ने यह भी बताया है कि सहकारी समितियों के जरिये बैंक किसानों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। उनकी जरूरत के मुताबिक ऋण दिया जा रहा है। खरीफ की फसल की तैयारी में किसान को बैंक सहकारी समितियों के माध्यम से पूरा सहयोग कर रहा है। पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी सहकारी समितियों के सचिवों को पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता बनाए रखने के लिए कहा गया है।

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