नॉर्वे चेस टूर्नामेंट: विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने रचा इतिहास, मैग्नस कार्लसन को हराकर दर्ज की क्लासिकल में पहली जीत

स्टावेंगर: भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए रविवार की शाम गर्व से भर देने वाली रही। नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने इतिहास रचते हुए पहली बार क्लासिकल शतरंज में मौजूदा विश्व नंबर-1 और नॉर्वे के दिग्गज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को शिकस्त दी। यह जीत सिर्फ एक मुकाबला नहीं थी, बल्कि भारतीय शतरंज की नई पीढ़ी की दमदार दस्तक भी थी।
मैच की शुरुआत में सफेद मोहरों से खेल रहे कार्लसन ने पारंपरिक शैली में गुकेश पर दबाव बनाना शुरू किया। शुरुआत से लेकर मध्य खेल तक कार्लसन का पलड़ा भारी रहा। लेकिन जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां आगे बढ़ीं, गुकेश की रणनीति भी निखरती चली गई। कार्लसन समय के दबाव में गलतियां करते गए और गुकेश ने मौके का पूरा फायदा उठाया।
मैच के बाद गुकेश ने अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “मैं ज़्यादा कुछ नहीं कर सकता था, बस जो मौके मिले उन्हें पूरी तरह से भुनाना था। मैं चालें ऐसी चला रहा था जो कार्लसन के लिए मुश्किल थीं, और सौभाग्य से वे सही साबित हुईं। गुकेश ने यह भी स्वीकारा कि 100 में से 99 बार शायद मैं इस चाल से हार जाता, लेकिन आज किस्मत मेरे साथ थी।
मैच खत्म होते ही कार्लसन ने हताशा में बोर्ड पर हाथ पटका और गुस्से में तेजी से बाहर निकल गए। वहीं, गुकेश ने अपने कोच गजेवस्की के साथ चुपचाप इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया। गौरतलब है कि टूर्नामेंट के पहले राउंड में कार्लसन ने गुकेश को हराया था, लेकिन इस बार गुकेश ने जबरदस्त वापसी करते हुए अपना बदला चुकता किया।
नॉर्वे चेस टूर्नामेंट को विश्व शतरंज कैलेंडर के सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में गिना जाता है। यह टूर्नामेंट 26 मई से 6 जून 2025 तक स्टावेंगर में खेला जा रहा है, जिसमें पुरुष और महिला वर्ग के छह-छह खिलाड़ी डबल राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में एक-दूसरे से भिड़ते हैं।
इस मुकाबले से पहले गुकेश और कार्लसन की तुलना को लेकर शतरंज के लिजेंड गैरी कास्पारोव का बयान भी काफी चर्चा में था। कास्पारोव ने साफ कहा था कि गुकेश भले ही विश्व चैंपियन हैं, लेकिन अभी भी कार्लसन हर पहलू में उनसे बेहतर हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि गुकेश के प्रदर्शन में सुधार की काफी गुंजाइश है और वह इस पर मेहनत कर रहे हैं। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में उनकी जीत ने साबित किया कि वह एक लंबे फॉर्मेट में मानसिक रूप से बेहद मजबूत खिलाड़ी हैं।