भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान ने नरसिंह अवतार लिया, रुड़की में धूमधाम से मनाई गई नरसिंह जयंती

रुड़की ।   सोना देवी शिव मंदिर पुरानी तहसील रुड़की में श्री नरसिंह जयंती धूमधाम से मनाई गई। भगवान नरसिंह जी का विशेष अभिषेक किया गया पूजन किया गया। राष्ट्र कल्याण के लिए प्रार्थना की गई और 1008 आहुतियां देकर यज्ञ किया गया। श्री नरसिंह मंत्रों द्वारा होते देकर विश्व कल्याण की कामना की गई ज्योतिषाचार्य आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि नरसिंह भगवान की पूजा विशेष फलदाई है।

एक बार सनकादि ऋषि भगवान विष्णु से मिलने बैकुण्ठ लोक गये, मुख्य दरवाजे पर “जय और विजय” नामक द्वारपालों ने नग्न ऋषियों को भगवान से नही मिलने दिया। इन ब्रह्मा के मानस पुत्रों सनद कुमारों ने श्राप दिया कि आप अगले जन्म मे दैत्य बनोगे।ऋषि “कयशप औऱ दिती”से दो जुड़वा दैत्य पुत्रो ने जन्म लिया जो” हिरणकश्यप और हिरण्याक्ष “के नाम से प्रसिद्ध हुए।हिरण्याक्ष को मारने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु ने बराह(सुकर) अवतार लिया जिसकी कथा बराह पुराण मे मिलती हैं। आज भगवान नरसिंह की जयंती है। नरसिंह पुराण के अनुसार हिरणकश्यप नि:अपरध प्राणियों को कष्ट देने लगा ,घर्म का नाश के साथ साधु सन्यासियों और स्त्रियों को सताने लगे । विष्णुभक्तो को दण्ड देने लगा जिसमें उसका पुत्र भक्त पहलाद भी शामिल था, भक्त पहलाद की कथा” होलिका दहन” तक जन साधारण जनता है । आज के शुभ अवसर पर संयोजक ज्योतिषाचार्य आचार्य रमेश सेमवाल संजीव शास्त्री प्रवीण शास्त्री चित्र गोयल राधा भटनागर पूजा वर्मा सुलक्षणा सेमवाल प्रतीक्षा नरेंद्र भारद्वाज इंद्रमणि सेमवाल गौरव वर्मा राजेंद्र कारवाल नरेश शास्त्री आदि उपस्थित थे।

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