केदारनाथ पैदल मार्ग पर चलाता था घोड़े, IIT (JAM) मद्रास में मिलेगा एडमिशन

रुद्रप्रयाग : पर्वतीय क्षेत्र के सीमित संसाधन और आर्थिक तंगी कभी भी सपनों की उड़ान को रोक नहीं सकते, यह साबित कर दिखाया है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के अतुल कुमार ने, जिन्होंने IIT JAM 2025 में ऑल इंडिया रैंक 649 हासिल कर देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT मद्रास में एम.एससी. गणित में प्रवेश पाया है।
बसुकेदार तहसील के बीरों देवल गांव निवासी अतुल का जीवन किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं। उनके पिता ओमप्रकाश जी वर्षों से केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चर चलाकर यात्रियों की सेवा करते रहे हैं, जबकि मां संगीता देवी एक गृहिणी हैं। पूरा परिवार केदारनाथ यात्रा सीजन पर निर्भर करता है। लेकिन तमाम आर्थिक कठिनाइयों के बीच भी अतुल ने हार नहीं मानी। अतुल ने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं परीक्षा में राज्य स्तर पर 17वीं रैंक, और 12वीं में 21वीं रैंक हासिल कर पहले ही अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था।
शुद्ध पहाड़ी परिवेश में पला-बढ़ा यह युवक आज IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पहुंचा है, तो यह केवल उसकी मेहनत और संकल्प की जीत नहीं है, बल्कि उन हजारों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो संसाधनों के अभाव में अपने सपनों को खोने लगते हैं।
मैंने कभी हालात को बहाना नहीं बनने दिया,” अतुल कहते हैं। मेरे लिए हर कठिनाई एक चुनौती थी और हर चुनौती एक नया सबक। अतुल अब देश के बेहतरीन शिक्षकों और शोधकर्ताओं के साथ काम करेंगे और उनका लक्ष्य है गणित के क्षेत्र में अनुसंधान करते हुए समाज के लिए कुछ ठोस योगदान देना। उनकी यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड के युवाओं को प्रेरणा देती है, बल्कि एक सशक्त संदेश भी देती है कि अगर लगन हो, तो पहाड़ों से भी ऊंची उड़ान भरी जा सकती है।