उत्तराखंड आपदा: आपदा पीड़ितों के लिए पहुंची जुबिन की राहत, नौटियाल परिवार बना देवदूत
उत्तराखंड आपदा: जुबिन नौटियाल और नौटियाल परिवार बने पीड़ितों के लिए देवदूत
देहरादून, 01 अक्टूबर 2025: उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने पहाड़ी क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। सड़कें टूट गई हैं, लोगों के घर, खेत-खलिहान, मवेशी और रोजगार के साधन इस आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। इस संकट की घड़ी में उत्तराखंड के सुपुत्र और बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल और उनका परिवार प्रभावित लोगों के लिए संकटमोचक बनकर सामने आए हैं।
जुबिन नौटियाल और उनके पिता, भाजपा नेता रामशरण नौटियाल ने देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र के कार्लीगाड़ और मझाड़ा गांवों में आपदा पीड़ित परिवारों को सहायता राशि प्रदान की। रामशरण नौटियाल ने स्वयं प्रभावित परिवारों को चेक वितरित किए और उनके दुख-दर्द में शामिल हुए। कार्लीगाड़ के निवासी मोहर सिंह ने नम आंखों से बताया कि आपदा के सैलाब में उनका 20 वर्षीय बेटा उनकी आंखों के सामने दलदल में डूब गया। इस हृदय विदारक पल को याद करते हुए वे फफक-फफक कर रो पड़े। रामशरण नौटियाल ने गमगीन मन से उन्हें सांत्वना दी और उनका दुख बांटा।
जुबिन नौटियाल ने न केवल पीड़ितों का दुख साझा किया, बल्कि बेघर हुए परिवारों को अपने और परिवार की ओर से तात्कालिक आर्थिक सहायता भी प्रदान की। इसके साथ ही, रामशरण नौटियाल ने इन गांवों के प्रभावित परिवारों को कंबल और अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की। गौरतलब है कि जुबिन इससे पहले भी कोरोना काल में जौनसार बावर क्षेत्र में करोड़ों रुपये की राशन सामग्री और दवाइयां बांटकर लोगों की मदद कर चुके हैं।
इस मौके पर रामशरण नौटियाल ने कहा, “जुबिन और नौटियाल परिवार उत्तराखंड के सुख-दुख में हमेशा साथ हैं। चाहे कोरोना काल हो या वर्तमान आपदा, हम हर संभव तरीके से लोगों की मदद के लिए तत्पर हैं।” उन्होंने बताया कि नौटियाल परिवार उत्तराखंड के कई अन्य क्षेत्रों में भी आपदा पीड़ितों की सहायता कर रहा है।
जुबिन नौटियाल की ओर से कार्लीगाड़ और मझाड़ा गांवों के कृपाल सिंह, सुमेर चंद, प्रेम सिंह, सुंदर सिंह, मोहर सिंह, राम सिंह सहित कई अन्य परिवारों को सहायता राशि प्रदान की गई।
आज जब उत्तराखंड के पहाड़ और इसके निवासी आपदा के दंश से जूझ रहे हैं, जुबिन नौटियाल और उनका परिवार देवदूत बनकर हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। उनकी यह पहल न केवल पीड़ितों के लिए राहत का काम कर रही है, बल्कि समाज के सामने मानवता की मिसाल भी पेश कर रही है।