देहरादून में जीपीएस की जांच को लेकर सड़क पर उतरा परिवहन विभाग, ऑटो, विक्रम संचालकों में मची अफरा तफरी

लव कपूर (फाउंडर प्रेसीडेंट/सी ई ओ/एडिटर इन चीफ)
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देहरादून । जीपीएस की जांच को लेकर परिवहन विभाग सड़क पर उतरा तो ऑटो, विक्रम संचालकों में अफरा तफरी मच गई। घंटाघर और परेड ग्राउंड के चारों तरफ दो किमी. के दायरे में आज से बगैर जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन संचालन पर प्रतिबंध है। परिवहन विभाग की ओर से जीपीएस लगवाने के लिए दी गई मोहलत बृहस्पतिवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद आज से परिवहन विभाग इस नियम का पालन करवा रहा है। दून के 2300 सार्वजनिक यात्री वाहन इस नियम के दायरे में आएंगे। उधर टैक्सी-ऑटो-विक्रम यूनियनों ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। यूनियनों ने साफतौर पर कहा कि अगर परिवहन विभाग नहीं माना तो सेवा ठप कर दी जाएगी। गौरतलब हो कि आरटीए की बैठक में घंटाघर और परेड मैदान के आसपास के दो किमी. क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किया गया था। इस क्षेत्र में जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित होंगे। इसके लिए 15 फरवरी तक की समयावधि तय की गई थी। यह कहा गया कि सार्वजनिक यात्री वाहन इस तिथि तक वाहनों में जीपीएस लगवा लें, अन्यथा फ्रीज जोन में यात्री वाहनों का संचालन नहीं हो सकेगा। महानगर के छह रूटों पर इस नियम का पालन कराया जाएगा। आज से जीपीएस लगे यात्री वाहनों की निगरानी इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर से शुरू कर दी जाएगी। आटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि जिन छह रूटों पर जीपीएस के नियम का पालन कराया जाएगा, उन पर 208 सिटी बसें, 478 मैजिक, 500 आटो, 600 ई रिक्शा, 500 विक्रमों का संचालन होता है। करीब 2300 सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन इन रूटों पर किया जाता है। यह सभी जीपीएस के दायरे में आएंगे। शुक्रवार से ही चेकिंग कर यह देखा जाएगा कि किन वाहनों में जीपीएस लगा है। नियम का पालन नहीं करने पर चालान की कार्रवाई की जाएगी।