उत्तराखंड : ट्रक में हो रही थी लकड़ी की तस्करी, वन विकास निगम के चार कर्मचारी सस्पेंड

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रामनगर : तराई पश्चिमी वन प्रभाग की वन सुरक्षा इकाई को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली, जब बैलपड़ाव बैरियर पर चेकिंग के दौरान साल की लकड़ी से लदा एक ट्रक पकड़ा गया। यह ट्रक निर्धारित मात्रा से 44 नग अधिक लकड़ी लेकर जा रहा था।

एसडीओ किरन शाह के नेतृत्व में कार्रवाई

रामनगर के चांदनी डिपो से काशीपुर की ओर जा रहे ट्रक (संख्या UP-25BT-6927) को वन विभाग की टीम ने बैलपड़ाव चेक पोस्ट पर रोका। एसडीओ किरन शाह के नेतृत्व में की गई जांच में जब ट्रक में लदी लकड़ियों की गिनती की गई, तो रवन्ना में दर्ज 180 नगों की तुलना में 44 नग लकड़ी अधिक पाई गई। इनमें 7 नग ओवर साइज प्रकाष्ठ (Oversized Timber) के भी थे। इसके अलावा रवन्ने में दर्ज मात्रा और मौके पर मिली लकड़ी की संख्या में भी स्पष्ट अंतर मिला।

डिपो के चार कर्मचारी दोषी, कार्रवाई शुरू

वन विकास निगम की डीएसएम सावित्री गिरि ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में चांदनी डिपो के चार कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। इनमें डिपो अधिकारी उमेश भट्ट, प्लाट प्रभारी बालम सिंह बिष्ट और सह प्लाट प्रभारी अमन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, आउटसोर्स कर्मचारी गौरव सती की सेवा समाप्त करने की संस्तुति की गई है। मामले की विस्तृत रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।

पुलिस को सौंपी गई तहरीर, तस्करों को चेतावनी

डीएसएम सावित्री गिरि ने बताया कि मामले में कालाढूंगी थाने में तहरीर सौंप दी गई है, ताकि आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके। वन विभाग की इस मुस्तैदी से लकड़ी तस्करों में हड़कंप है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग किसी भी प्रकार की अनियमितता और तस्करी को बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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