इन्टीग्रेटेड फार्मिंग, रोजगारपरक एवं कलस्टर आधारित योजनां को जिला योजना में प्राथमिकता से शामिल करना सुनिश्चत करें, जिला योजना की बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिए निर्देश

हरिद्वार । इन्टीग्रेटेड फार्मिंग, रोजगारपरक एवं कलस्टर आधारित योजनां को जिला योजना में प्राथमिकता से शामिल करना सुनिश्चत करें। यह निर्देश जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने विकास भवन सभागार में जिला योजना की बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि आत्मनिर्भरता, आजीविका संवर्धन एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु इन्टीग्रेटेड अप्रोच, रोजगारपरक एवं कलस्टर बैस्ड योजनाओं को प्राथमिकता से शामिल किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि ऑनगोइंग योजनाओं को पूरा करने के लिए बजट की डिमाण्ड की जाये, किसी भी योजना में टोकन मनी न रखी जाये।

उन्होंने निर्देश दिये कि जिला योजना की वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्यों में तालमेल अवश्य रखा जाये तथा योजनाएं जन-आकांक्षाओ के अनुरूप तैयार की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि योजनाएं जन-आकांक्षाओ के अनुरूप तैयार करने के लिए विधायकों, सांसदों, जिला योजना समिति के सदस्यों एवं जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव प्राप्त करते हुए जिला योजना में शामिल किये जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति उपयोजना में 19 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति उपयोजना में 3 प्रतिशत धनराशि अवश्य रखी जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि जिला योजना से सम्बन्धित औचित्यपूर्ण प्रस्ताव अतिशीघ्रता से उपलब्ध करा दें। जिलाधिकारी ने जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में घटते भू-जल स्तर पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं पेयजल हेतु जिस प्रकार से भू-जल का दोहन हो रहा है, उसी स्तर पर जल संरक्षण एवं संवर्धन की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में 390 ट्यूबवेल तथा शहरी क्षेत्रों में 134 ट्यूबवेल के साथ ही बड़ी संख्या में हैण्ड पम्पों का उपयोग भू-जल निकासी में किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में रिचार्ज शाफ्ट का माध्यम से ट्यूबवेल रिचार्ज करने के लिए करने के लिए चरणबद्ध कार्य योजना तैयार करते हुए विभिन्न मदों में प्रस्तावित की जाये तथा शहरी क्षेत्रों में रिचार्ज शाफ्ट का माध्यम से ट्यूबवेल रिचार्ज कराने के निर्देश नगर निकायों के लिए दिये।जिलाधिकारी ने भगवानपुर तथा बहादराबाद के खनन प्रभावित क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण एवं प्राकृतिक जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रस्ताव तैयार कर, खनन न्यास फण्ड में प्रस्तावित करने के निर्देश कृषि तथा लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद में समर पेडी (धान की तीसरी फसल) न उगाई जाये और किसानों को समर पेडी दुष्प्रभावों के विषय में किसानों को जागरूक किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों को वैकल्पिक फसलों के बारे में जागरूक किया जाये और भूमि सदुपयोग हेतु प्रेरित किया जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि इस वर्ष जिला योजना 67.35 करोड़ रूपये की है, जबकि पिछले वर्ष जिला योजना 62.348 करोड़ रूपये की थी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.मनीष दत्त, जिला अर्थ एवं संख्यिकीय अधिकारी नलिनी ध्यानी, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश यादव, जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रमोद पाण्डे सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.मनीष दत्त, जिला अर्थ एवं संख्यिकीय अधिकारी नलिनी ध्यानी, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश यादव, जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रमोद पाण्डे सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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