डीजीपी अशोक कुमार ने की उत्तराखण्ड पुलिस एप एवं ईनामी, वांछित अपराधियों व अवैध रूप से अर्जित अवैध सम्पत्ति अधिग्रहण के लिए चलाए गए विशेष अभियान में की गयी कार्यवाहियों की समीक्षा
देहरादून : पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने परिक्षेत्र एवं जनपद प्रभारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड पुलिस एप एवं ईनामी/वांछित अपराधियों व अवैध रूप से अर्जित अवैध सम्पत्ति अधिग्रहण के लिए चलाए गए विशेष अभियान में की गयी कार्यवाहियों की समीक्षा की।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को tech-savvy बनना है। उत्तराखण्ड पुलिस एप स्मार्ट पीपल फ्रेंडली और पारदर्शी पुलिसिंग की ओर एक बड़ा कदम है। अभी तक डेढ़ लाख लोग इस एप को डाउनलोड कर इसकी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। आम जन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य यह एप बनाया गया है। सभी जनपद प्रभारी इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे अधिक से अधिक लोग इसकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। भविष्य में इसमें और भी सेवाएं जोड़ी जाएंगी। महिला सुरक्षा के दृष्टिगत इसके गौरा शक्ति फीचर में रजिस्ट्रेशन को बढ़ाया जाए। रजिस्टर्ड महिलाओं के साथ समन्वय कर उनकी शिकायत के समाधान करते हुए उन्हें सुरक्षित महसूस करायें। इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा एपी अंशुमान, पुलिस उप महानिरीक्षक पी/एम सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में निम्न बिन्दुओं पर निर्देश दिए गए।
- जघन्य अपराधों की SR Cases फाइल को रेड फ्लैग और डबल रेड फ्लैग के अन्तर्गत वर्गीकृत करने का निर्णय लिया गया। एसआर फाइल जनपद प्रभारी अपने हस्तलेख में लिखेंगे। 24 घंटे के अन्दर स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। अभियोगों की बेहतर पैरवी हेतु केस ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी।
- प्रतिबिम्ब एप का अधिक से अधिक उपयोग करें। अभियुक्तों के फिंगरप्रिन्ट लेने हेतु उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं, उनका उपयोग किया जाए। शीघ्र ही अभियुक्तों की आईरिस और रेटिना का रिकार्ड रखने हेतु भी एनसीआरबी की ओर से प्रशिक्षण कराया जाएगा।
- ईनामी/वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रतिशत बढ़ाने और समस्त जनपद प्रभारियों को अवैध रूप से अर्जित अवैध सम्पत्तियों का शीघ्र चिन्हीकरण कर अधिग्रहण की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।
- एक सप्ताह के भीतर महिला हेल्पडेस्क एवं चीता मोबाइल को सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान कर दिए जाएंगे।