चीणा का भात और फाफरे के पोले – पहाड़ का पोषण और सेहत का खजाना

  • प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहाड़ों से गहरा लगाव किसी से छिपा नहीं है। जब भी वह उत्तराखंड आते हैं, तो यहां की संस्कृति, परंपरा और खान-पान को आत्मसात करने का प्रयास करते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब पीएम मोदी सीमांत गांव उत्तरकाशी के मुखबा पहुंचे। मां गंगा की पूजा के बाद उन्होंने उत्तराखंड के पारंपरिक पहाड़ी भोजन का स्वाद चखा और खासतौर पर मिलेट्स (श्रीअन्न) से बने व्यंजनों की सराहना की।

चीणा का भात और फाफरे के पोले 

मुखबा में प्रधानमंत्री को स्थानीय महिलाओं ने विशेष पहाड़ी भोजन परोसा। उन्होंने चीणा का भात, फाफरे के पोले, पहाड़ी राजमा और बद्री गाय के दही-मठ्ठे का आनंद लिया।

  • चीणा (बंगुला/कोदा) – यह एक प्रकार का मिलेट (श्रीअन्न) है, जो उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी और ऊंचाई वाले इलाकों में उगाया जाता है। यह फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो पाचन को मजबूत करता है और शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।
  • फाफरा (अमरनाथ/राजगीरा) – इसे उत्तराखंड का सुपरफूड कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और ग्लूटेन-फ्री गुण होते हैं, जिससे यह हड्डियों और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। फाफरे के पोले (रोटी जैसी डिश) को घी के साथ खाने से शरीर को ताकत मिलती है।
  • बद्री गाय का दही और मठ्ठा – यह पाचन सुधारने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। बद्री गाय के दूध में ए2 प्रोटीन पाया जाता है, जो हृदय और मस्तिष्क के लिए लाभकारी होता है।
  • पहाड़ी राजमा – उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में उगने वाली यह राजमा प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होती है। इसका स्वाद देशभर की दूसरी किस्मों से अलग और अधिक पौष्टिक होता है।

पीएम मोदी ने हर्षिल की वादियों का किया दीदार

गंगा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल की मनोरम वादियों का नजारा लिया। उन्होंने हर्षिल व्यू प्वाइंट से घाटी की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया और कहा कि यह जगह पर्यटन, ट्रैकिंग और आध्यात्मिक शांति के लिए सबसे बेहतरीन स्थलों में से एक है।

पीएम मोदी ने यहां ट्रैकिंग और बाइक रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि हर्षिल क्षेत्र को एडवेंचर टूरिज्म का हब बनाया जाएगा, जिससे उत्तराखंड का पर्यटन सालभर फले-फूले। हर्षिल घाटी भागीरथी नदी के किनारे, समुद्र तल से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों में यह बर्फ की चादर से ढका रहता है और गर्मियों में यहां हरियाली का सुंदर नजारा देखने को मिलता है।

मिलेट्स सुपरफूड : स्वास्थ्य और आर्थिकी दोनों के लिए वरदान

पीएम मोदी ने उत्तराखंड के स्थानीय अनाजों (मिलेट्स/श्रीअन्न) की तारीफ करते हुए कहा कि यह सिर्फ सेहत के लिए नहीं, बल्कि स्थानीय किसानों की आर्थिकी को भी मजबूत करने का जरिया बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीणा, फाफरा, झिंगोरा (बार्नयार्ड मिलेट) और मंडुवा (रागी) जैसे अनाजों का उत्पादन बढ़ाना चाहिए और इन्हें वैश्विक पहचान दिलानी चाहिए।

पहाड़ी व्यंजनों को वैश्विक पहचान दिलाने की योजना

प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार से आग्रह किया कि उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को दुनिया तक पहुंचाने के लिए काम किया जाए। उन्होंने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और ब्लॉगरों के लिए प्रतियोगिता आयोजित करने का सुझाव दिया, जिसमें वे उत्तराखंड के खानपान और पर्यटन स्थलों पर शॉर्ट फिल्म बनाकर जागरूकता बढ़ाएं।

उत्तराखंड के लिए सुनहरा अवसर

पीएम मोदी के इस दौरे से साफ है कि उत्तराखंड सिर्फ धार्मिक पर्यटन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह एडवेंचर, वेलनेस टूरिज्म और मिलेट्स आधारित खाद्य संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और आजीविका के नए अवसर मिलेंगे और उत्तराखंड का समृद्ध खानपान देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाएगा।

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