केंद्र सरकार ने जनगणना और जाति जनगणना की अधिसूचना जारी की, 1 मार्च 2027 से होगी शुरुआत

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केंद्र सरकार ने सोमवार को जनसंख्या जनगणना की अधिसूचना जारी की, जिसकी प्रक्रिया मार्च 2027 से शुरू होगी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, “जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए और 26 मार्च, 2018 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को निरस्त करते हुए, भारत सरकार ने घोषणा की है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 होगी, सिवाय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के हिमपात प्रभावित गैर-सामयिक क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के लिए

जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 होगी, सिवाय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के हिमपात प्रभावित गैर-सामयिक क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के लिए। इन विशेष क्षेत्रों लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के हिमपात प्रभावित गैर-सामयिक क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 तय की गई है।

15 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक बैठक में आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में गृह सचिव, भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त (RG&CCI) तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 16वीं जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की। मंगलवार को जनगणना की राजपत्र अधिसूचना जारी की जाएगी। इस जनगणना में पहली बार जातिगत गणना भी की जाएगी। इस कार्य में 34 लाख गणनाकर्मी और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना कर्मचारी शामिल होंगे, जो अत्याधुनिक मोबाइल डिजिटल उपकरणों का उपयोग करेंगे।” जनगणना दो चरणों में की जाएगी।

पहला चरण: हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) -इसमें प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्तियों और सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी। दूसरा चरण: जनसंख्या गणना (PE) – इसमें प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी।

इस बार की जनगणना डिजिटल माध्यम से मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी। नागरिकों के लिए स्वयं-गणना (Self-enumeration) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। डेटा संग्रहण, प्रसारण और भंडारण के दौरान डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत कठोर सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। यह जनगणना अब तक की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी।(इनपुट- एएनआई )

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