करुर भगदड़: 39 की मौत पर केंद्र ने मांगी रिपोर्ट, स्टालिन ने जांच आयोग गठित किया

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चेन्नई : तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को तमिलगा वेत्री काजहाम (टीवीके) की चुनावी रैली में हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को सदमे में डाल दिया है। इस हादसे में 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 8 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं। 95 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जबकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में जांच आयोग गठित करने का ऐलान किया है। टीवीके प्रमुख विजय ने पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है।

देरी से बढ़ी भीड़

रुद्रप्रयाग के डीजीपी जी. वेंकटारमन ने बताया कि अभिनेता-राजनेता विजय के पहुंचने में देरी के कारण रैली स्थल पर भीड़ असामान्य रूप से बढ़ गई थी। इससे भगदड़ मच गई, जिसमें 39 लोगों की जान चली गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) लॉ एंड ऑर्डर एस. डेविडसन देवसिरवथम ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। पुलिस साजिश की आशंका को खारिज नहीं कर रही और भगदड़ के कारणों की गहन पड़ताल कर रही है।

95 घायल, ज्यादातर स्थिर

तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव पी. सेंटहिल कुमार ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद 95 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें 51 को सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां एक को छोड़कर सभी की हालत स्थिर है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। शेष 44 घायलों का निजी अस्पतालों में उपचार जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी घायलों के लिए 24 घंटे चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की है।

विजय की घोषणा

टीवीके प्रमुख विजय ने हादसे पर गहरा शोक जताया और कहा कि वे अत्यंत दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। विजय ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत हानि जैसी है।

जांच आयोग और मुआवजा

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि राजनीतिक दल के कार्यक्रम में इतनी बड़ी त्रासदी राज्य के इतिहास में कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा, “मैं गहरे दुःख के साथ खड़ा हूं। कल सुबह 7:45 बजे चेन्नई में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह खबर मिली, और तुरंत आसपास के मंत्रियों को करुर रवाना होने का निर्देश दिया।” स्टालिन ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने का आदेश जारी किया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 10 लाख और घायलों को 1 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की।

स्टालिन ने स्पष्ट किया कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। “सच्चाई जांच आयोग के माध्यम से सामने आएगी, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो, इसके लिए हर कदम उठाया जाएगा।” शनिवार देर रात सीएम ने सरकारी मेडिकल कॉलेज का दौरा कर घायलों से मुलाकात की और बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

घटनास्थल पर दिल दहला देने वाले दृश्य

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में घटनास्थल का भयावह नजारा दिखाई दे रहा है। रविवार सुबह जारी विजुअल्स में चप्पलें बिखरी हुईं और सामान इधर-उधर फैला हुआ दिखा। यह दृश्य देखकर हर कोई स्तब्ध है। राज्य सरकार ने शोक के रूप में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

यह हादसा तमिलनाडु की राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गया है। विपक्षी दलों ने टीवीके की आयोजन क्षमता पर सवाल उठाए हैं, जबकि सत्ताधारी द्रमुक ने एकजुट होकर सहायता का आह्वान किया है। केंद्र सरकार ने भी तत्काल राहत के लिए सहयोग का भरोसा दिलाया है।

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