भगवानपुर ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल निलंबित: ताऊ देशराज पर लगा कुर्सी हथियाने का आरोप

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रुड़की। हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र पंचायत की प्रमुख करुणा कर्णवाल को पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पूर्व विधायक और दर्जाधारी राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल उनकी जगह ब्लॉक प्रमुख का कार्य संभाल रहे थे। इस गंभीर मामले की जांच के बाद पंचायती राज निदेशालय ने कार्रवाई की है, जिससे स्थानीय राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

शिकायत और जांच का खुलासा

क्षेत्र पंचायत सदस्य पूर्णिमा त्यागी ने बेहड़े की सैदाबाद क्षेत्र से शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने वीडियो सबूतों के साथ आरोप लगाया कि करुणा कर्णवाल अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रही हैं। शिकायत में कहा गया कि ब्लॉक प्रमुख के कार्यालय में कुर्सी से लेकर क्षेत्र पंचायत की बैठकों के संचालन तक सब कुछ उनके ताऊ देशराज कर्णवाल कर रहे हैं। विकास कार्यों के लिए पूर्णिमा जब भी मिलने जातीं, तो कुर्सी पर देशराज ही बैठे मिलते, जो अपने मनमाने ढंग से फैसले लेते।

पूर्णिमा ने सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो को भी प्रमाण के रूप में पेश किया, जिसमें देशराज कर्णवाल को ब्लॉक प्रमुख की भूमिका निभाते दिखाया गया। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की जांच रिपोर्ट में इन आरोपों को सही ठहराते हुए करुणा को दोषी पाया गया। रिपोर्ट में पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन उजागर हुआ, जिसमें ताऊ को बैठकें संचालित करने और सदस्यों के प्रस्तावों की अनदेखी करने का मामला शामिल है। पंचायती राज निदेशक निधि यादव ने जांच के आधार पर निलंबन का आदेश जारी किया।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और आपत्तियां

करुणा कर्णवाल 2022 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में देशराज कर्णवाल के समर्थन से ब्लॉक प्रमुख बनी थीं। हालांकि, जल्द ही उन पर लापरवाही के आरोप लगने लगे। विधायक ममता राकेश ने भी क्षेत्र पंचायत की बोर्ड बैठकों में देशराज द्वारा संबोधन और सवालों के जवाब देने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। जब करुणा से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्वयं कहा कि ‘ताऊ ही सबकुछ संभालेंगे।’

आगे की कार्रवाई

निलंबन के बाद भगवानपुर ब्लॉक के वित्तीय और प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें तीन क्षेत्र पंचायत सदस्य शामिल होंगे, जो अस्थायी रूप से ब्लॉक प्रमुख की जिम्मेदारियां निभाएंगे। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि प्रकरण की अंतिम जांच पूरी होने तक निलंबन प्रभावी रहेगा। पंचायती राज अधिनियम के तहत ऐसी अनियमितताओं पर सख्ती बरतने के निर्देश हैं।

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