रामायण जीवन दर्शन की श्रेष्ठ शब्दावली: मदन कौशिक, भगवानपुर की रामलीला में सूर्पनखा की नाक कटी और हुआ सीता का हरण
रामायण जीवन दर्शन की श्रेष्ठ शब्दावली: मदन कौशिक, भगवानपुर की रामलीला में सूर्पनखा की नाक कटी और हुआ सीता का हरण
भगवानपुर । कस्बे में चल रही रामलीला में पंचवटी, सूर्पनखा, रावण दरबार और सीता हरण की लीला का मंचन हुआ। रामलीला देखने पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रामायण जीवन दर्शन की श्रेष्ठ शब्दावली है जो मानव जीवन मे अच्छाई और बुराई सहित सत्य एवं असत्य का बोध कराती है।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष संजय बंसल, सुबोध राकेश, नरेश प्रधान, सुनिल बंसल और गगन बंसल ने मदन कौशिक का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
बुधवार को रामलीला में पंचवटी से प्रारंभ मंचन में सूर्पनखा का राम लक्ष्मण के प्रति सम्मोहन उसकी नाक कटने का कारण बना। सीता जी का हिरन के प्रति लगाव एवं लक्ष्मण रेखा पार कर रावण को भिक्षा देना उनके हरण का कारण बना। सूर्पनखा के प्रपंच के कारण ही भगवान श्रीराम ने खर-दूषण का वध किया और रावण ने मारीच के साथ मिलकर स्वयं साधु वेश धारण कर सीता हरण किया। सीता की रक्षा करने में जटायु अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
मंचन में राम का अभिनय भूरा पंडित, लक्ष्मण की भूमिका नीरज शर्मा निभा रहे हैं। सीता का अभिनय शुभम शांडिल्य और रावण का रोल सुधीर चौधरी निभा रहे हैं।