अंकिता भंडारी हत्याकांड: कोटद्वार कोर्ट का बड़ा फैसला, तीनों दोषियों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा

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लव कपूर (फाउंडर प्रेसीडेंट/सी ई ओ/एडिटर इन चीफ)
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कोटद्वार : बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (महिला के साथ दुर्व्यवहार) के तहत दोषी ठहराया। तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया और पीड़िता के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया।

अदालत के बाहर हंगामा

फैसला सुनाए जाने से ठीक पहले कोर्ट परिसर के बाहर लोगों की भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए भारी बल प्रयोग किया और भीड़ को कोर्ट के भीतर जाने से रोका। पूरे कोटद्वार शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। गढ़वाल मंडल के कई जिलों से पुलिस बल बुलाकर अदालत परिसर के बाहर तैनात किया गया।

केस की सुनवाई और जांच प्रक्रिया

इस केस की सुनवाई 30 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने 500 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। अदालत में करीब दो साल आठ महीने तक चली लंबी सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 47 गवाहों को पेश किया, जबकि एसआईटी ने कुल 97 गवाहों की सूची तैयार की थी। 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही का सिलसिला शुरू हुआ था।

अंकिता की मौत की पूरी कहानी

20 वर्षीय अंकिता भंडारी की पहली नौकरी में अभी 20 दिन भी पूरे नहीं हुए थे जब यह दर्दनाक घटना घटी। वह वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी। 2022 में लापता होने के कुछ दिन बाद उसका शव एक नहर में मिला था। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अंकिता पर ‘वीआईपी’ मेहमानों को “खुश करने” का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। विरोध करने पर ही उसकी हत्या कर दी गई।

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