उत्तराखंड : यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल का सीएम आवास कूच, कार्यकर्तों समेत पुलिस ने हिरासत में लिया

देहरादून: उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक संजय डोभाल के काफिले को मसूरी में पुलिस ने रोक लिया, जिससे वहां तीखी झड़प हो गई। विधायक का दावा है कि वे शांतिपूर्ण धरना देने के लिए देहरादून जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोककर लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया। वहीं, मसूरी पुलिस का कहना है कि गलोगी के पास भूस्खलन (लैंडस्लाइड) के कारण सड़क बंद है, इसलिए सभी वाहनों को रोका जा रहा है। लगभग एक घंटे के ड्रामे के बाद सड़क खुलने पर विधायक देहरादून रवाना हो गए।
विधायक संजय डोभाल ने सरकार पर यमुनोत्री और चारधाम यात्रा की उपेक्षा, आपदा प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी, कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति तथा भ्रष्टाचार के मुद्दों पर 22 सितंबर को देहरादून में सीएम आवास कूच का ऐलान किया था। सोमवार सुबह उत्तरकाशी से समर्थकों के साथ रवाना हुए डोभाल का काफिला मसूरी पहुंचा, जहां छुनाखाला बैरियर पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
विधायक ने आरोप लगाया कि यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत उन्हें देहरादून पहुंचने से रोकने की कोशिश है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि सड़क बंद होने तक किसी को भी आगे नहीं जाने दिया जाएगा। करीब एक घंटे की हलचल के बाद सड़क बहाल होते ही काफिला रवाना हो गया।
विधायक संजय डोभाल ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा, ष्लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। लेकिन आज उत्तराखंड को छावनी में बदलकर जगह-जगह आंदोलनकारियों को रोका जा रहा है। इससे साफ पता चलता है कि सरकार घबरा गई है। यदि यही ऊर्जा और संसाधन जनता की मांगें पूरी करने और विकास कार्यों में लगाए जाते, तो आज यह दिन देखने की नौबत न आती। याद रखो, हम रुकने वाले नहीं, हम झुकने वाले नहीं।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि यह विरोध-प्रदर्शन से सरकार को डर लग गया है और राज्य को श्लोकतंत्र की हत्याश् करने की साजिश रची जा रही है। डोभाल ने मसूरी पुलिस की कार्रवाई को श्जबरदस्ती रोकनेश् का प्रयास बताते हुए कहा कि लैंडस्लाइड का बहाना बनाकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
मसूरी पुलिस ने स्पष्ट किया कि गलोगी क्षेत्र में भारी भूस्खलन के कारण मसूरी-देहरादून मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था। एसएसपी देहरादून के निर्देश पर सभी वाहनों को मसूरी में ही रोका गया था, जिसमें विधायक का काफिला भी शामिल था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ष्यह सुरक्षा का मामला है।
भूस्खलन प्रभावित इलाके में जाने से खतरा हो सकता था। सड़क बहाल होते ही सभी को रवाना कर दिया गया। उत्तराखंड में मानसून के बाद भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, और हाल ही में कई सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं। पुलिस ने विधायक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई निष्पक्ष थी और किसी विशेष व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया गया।
संजय डोभाल, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीते थे, लगातार पुष्कर सिंह धामी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं। पिछले महीने भी उन्होंने उत्तरकाशी प्रशासन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की बात कही थी। यह घटना राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है, खासकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है, जबकि भाजपा ने इसे श्सुरक्षा प्रोटोकॉलश् बताया है।
घटना के बाद विधायक देहरादून पहुंच चुके हैं और धरना की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है, जबकि अभियान प्रभावित ग्रामीणों ने विधायक के समर्थन में बयान जारी किए हैं। यह मामला उत्तराखंड की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर सकता है।