महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर कांग्रेस का भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन

0
Screenshot_2025-09-03-18-51-23-90_b2982762ac851fa27deabc856cd0808c.jpg

देहरादून: प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद प्रदेश महिला कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया। प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय तक मार्च निकाला।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, जिसके बाद महिला कांग्रेस कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गईं और जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हुए और उन्होंने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और कई अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, भाजपा सरकार केवल “अपनी पीठ थपथपाने” में व्यस्त है, जबकि महिलाएं लगातार असुरक्षित महसूस कर रही हैं। पूर्व विधायक रंजीत रावत ने कहा कि महिला उत्पीड़न के अधिकांश मामलों में भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल पाए जाते हैं, और सरकार ऐसे अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने भाजपा के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” नारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा राज में महिलाएं त्रस्त हैं और सत्ताधारी नेता मस्त हैं।

महिला कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड

प्रदर्शन के दौरान, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया, जिसमें महिला सुरक्षा से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए।

NARI 2025 रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून देश के शीर्ष 10 सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल है, जिसका सुरक्षा स्कोर राष्ट्रीय औसत से कम है। रिपोर्ट बताती है कि केवल 44% महिलाएं ही रात में खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि सार्वजनिक परिवहन में 50% महिलाओं को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। पुलिस पर भरोसा रखने वाली महिलाओं की संख्या केवल 25% है।

NCRB 2022 रिपोर्ट के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,337 मामले दर्ज हुए, जो 2021 की तुलना में 907 अधिक हैं। इनमें 867 बलात्कार और 637 POCSO अधिनियम के तहत बाल यौन शोषण के मामले शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी 2020 से 2022 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर में 12.9% की वृद्धि देखी गई है।

इन आंकड़ों को आधार बनाते हुए कांग्रेस ने सरकार से महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Share