उत्तराखंड: ऋषिकुल परिसर में छह दिवसीय CME कार्यक्रम का शुभारंभ

हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज परिसर में सोमवार से छह दिवसीय सतत चिकित्सीय शिक्षा (CME) कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह आयोजन आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय विद्यापीठ नई दिल्ली के सौजन्य से उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम 1 से 6 सितंबर तक चलेगा।
उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी.सी. सिंह तथा रसशास्त्र एवं भैषज्यकल्पना विभागाध्यक्ष डॉ. खेमचंद शर्मा भी मौजूद रहे।
देशभर से कुल 30 आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों ने इस CME में प्रतिभाग किया। इनमें उत्तराखंड से 8, हरियाणा और ओडिशा से 4-4, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से 3-3, गुजरात से 2, जबकि लद्दाख, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र और त्रिपुरा से एक-एक प्रतिभागी शामिल हुए।
मंच संचालन डॉ. यादवेंद्र यादव (असिस्टेंट प्रोफेसर, रसशास्त्र एवं भैषज्यकल्पना विभाग) ने किया। विभाग की ओर से डॉ. खेमचंद शर्मा, डॉ. शुचि मित्रा, डॉ. उषा शर्मा, डॉ. महेश चंद्र एवं डॉ. यादवेंद्र यादव ने सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कुलपति डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी ने हृदय रोगों पर विस्तृत जानकारी दी। वहीं अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के रसशास्त्र एवं भैषज्यकल्पना विभागाध्यक्ष डॉ. ग़ालिब ने फार्मेर्कोविजिलेंस, ड्रग इंटरेक्शन तथा रिसर्च मेथेडोलॉजी पर विशेष व्याख्यान दिया।
प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक इन सत्रों में हिस्सा लिया और संवादात्मक चर्चाओं के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए। विभागाध्यक्ष डॉ. खेमचंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाने में अत्यंत सहायक होते हैं। उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।