मनसा देवी हादसे के बाद सीएम धामी सख्त, सुनियोजित विकास, पंजीकरण और भीड़ नियंत्रण पर विशेष जोर, दिए व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश,

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लव कपूर (फाउंडर प्रेसीडेंट/सी ई ओ/एडिटर इन चीफ)
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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधाएं सुनिश्चित करने को लेकर अधिकारियों को निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए भीड़ प्रबंधन, दर्शन प्रणाली, पंजीकरण प्रक्रिया और मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाया जाए, ताकि उन्हें सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन अनुभव प्राप्त हो सके।

मुख्यमंत्री ने खासतौर पर हरिद्वार के मनसा देवी–चंडी देवी मंदिर, टनकपुर के पूर्णागिरि धाम, नैनीताल का कैंची धाम, अल्मोड़ा का जागेश्वर मंदिर, और पौड़ी का नीलकंठ महादेव मंदिर जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन स्थलों पर सुविधाओं का समुचित विकास किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालु पंजीकरण को अनिवार्य किया जाए और दर्शन की व्यवस्था चरणबद्ध ढंग से नियंत्रित की जाए। साथ ही पैदल मार्गों और सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने तथा व्यवस्थित दुकान प्रबंधन जैसे उपायों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्थायी और दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम किया जाना चाहिए।”

सीएम धामी ने निर्देश दिए कि दोनों मंडलों के आयुक्तों की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए। इस समिति में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। यह समिति प्रमुख धार्मिक स्थलों पर व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मनसा देवी मंदिर परिसर के सुनियोजित विकास और धारणा क्षमता में वृद्धि पर बल दिया। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाए जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में भीड़ पर नियंत्रण बना रहे और श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन का अवसर मिले।

सरकार की इस पहल को श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि धार्मिक आस्था के इन केंद्रों पर प्रशासनिक दक्षता के साथ व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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