उत्तराखंड में 5 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट, बिजली गिरने का भी खतरा

देहरादून : उत्तराखंड में एक बार फिर आसमान से आफ़त बरसने को तैयार है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने राज्य में 18 जुलाई से 22 जुलाई 2025 तक भारी से बहुत भारी बारिश, तेज़ गर्जना, आकाशीय बिजली और झोंकेदार हवाओं को लेकर येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान राज्य के अधिकतर मैदानी और पर्वतीय जिलों में मौसम बिगड़ने की आशंका जताई गई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
18 जुलाई
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पिथौरागढ़ और बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं भारी बारिश, गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरने और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
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शेष पर्वतीय जिलों में भी तीव्र बारिश और गर्जना के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
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मैदानी जनपदों में भी तेज हवाओं और बिजली चमकने की संभावना है।
19 जुलाई
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बागेश्वर जिले में भारी बारिश और तीव्र से अति तीव्र वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
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अन्य पर्वतीय जिलों में भी तेज गर्जना, बिजली गिरने और झोंकेदार हवाएं चलने की आशंका।
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मैदानी जिलों में भी हल्की आंधी और बिजली गिरने के आसार।
20 जुलाई
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देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और ऊधम सिंह नगर में भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है।
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पूरे राज्य में कहीं-कहीं तेज आंधी (30-40 किमी/घंटा) चल सकती है।
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अन्य सभी जिलों में भी गर्जना और अति तीव्र बारिश के दौर हो सकते हैं।
21 जुलाई
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अब इस लिस्ट में हरिद्वार भी शामिल हो गया है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
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पूरे राज्य में बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी बरकरार है।
22 जुलाई
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मौसम विभाग का अनुमान है कि 22 जुलाई को भी स्थिति गंभीर बनी रहेगी।
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देहरादून से लेकर चंपावत और हरिद्वार तक अधिकांश जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
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सभी जिलों में आंधी और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
लोगों से सतर्क रहने की अपील
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए सभी आपदा प्रबंधन इकाइयों को अलर्ट पर रखा है। SDRF, NDRF, पुलिस और लोक निर्माण विभाग को संवेदनशील इलाकों में चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
ये करें और न करें
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नदी-नालों के पास न जाएं.
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पहाड़ी सड़कों पर बेवजह यात्रा से बचें.
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बिजली कड़कने के समय खुले में खड़े न हों.
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प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.
उत्तराखंड की पहाड़ियों में हर साल मानसून चुनौती लेकर आता है। इस बार भी प्रकृति का मिज़ाज उखड़ा हुआ है। ज़रा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। मौसम की मार से बचना है तो सतर्क रहना ही एकमात्र रास्ता है।