गिरीश बडोनी : एक ऐसे शिक्षक, जो बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा के साथ लोकसंस्कृति की पहचान…VIDEO

- पहाड़ समाचार
शिक्षक केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं होते। वे समाज की आत्मा को गढ़ते हैं, भावी पीढ़ियों को दिशा देते हैं और उनमें जिम्मेदारी, मूल्य और संस्कारों का बीजारोपण करते हैं। ऐसे ही प्रेरणादायक शिक्षक हैं टिहरी जनपद के गिरीश बडोनी, जो शिक्षा को संस्कृति से जोड़ने का अनूठा प्रयास कर रहे हैं।
कक्षा से संस्कृति तक
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय बुढना लस्या में कार्यरत गिरीश बडोनी बच्चों को सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति से भी परिचित करा रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्रियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि वह हमारी जड़ों से जुड़ाव और सांस्कृतिक चेतना भी प्रदान करे। प्रत्येक दिन विद्यालय में वे बच्चों को गढ़वाली संस्कृति की जानकारी देते हैं। वे न सिर्फ गढ़वाली और कुमाऊंनी-लोकगीत सिखाते हैं, बल्कि बच्चों को हारमोनियम, ढोल, दमाऊ, हुड़का जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाना भी सिखाते हैं। गीत-संगीत के माध्यम से वे बच्चों में आत्मविश्वास, सृजनशीलता और लोक-अस्मिता का भाव जगाते हैं।
संस्कार, संगीत और संकल्प की त्रिवेणी
गिरीश बडोनी का शैक्षिक दृष्टिकोण सिर्फ अकादमिक प्रदर्शन तक सीमित नहीं है। वे मानते हैं कि बच्चों को अपनी माटी, मातृभाषा और मूल पहचान से जुड़ा होना चाहिए। उनका प्रयास ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ की आधुनिक पुनर्परिभाषा है। जहां शिक्षक केवल शिक्षक नहीं, बल्कि मार्गदर्शक, संरक्षक और संस्कारदाता होते हैं।
सुरों में गूंजती है संस्कृति
इस विशेष रिपोर्ट के साथ हम एक वीडियो भी साझा कर रहे हैं। इसमें शिक्षक गिरीश बडोनी के निर्देशन में गढ़वाली गीतों की स्वर लहरियों में रंगे बच्चे नजर आते हैं। यह दृश्य साबित करता है कि एक सरकारी स्कूल भी संस्कृति और शिक्षा का केंद्र बन सकता है।
समाज और संस्कृति का भविष्य
जहां एक ओर कुछ शिक्षक अपने कर्तव्यों से विमुख होकर शिक्षा व्यवस्था को प्रश्नों के घेरे में ला खड़ा करते हैं, वहीं गिरीश बडोनी जैसे शिक्षक उम्मीद की एक मजबूत किरण हैं। वे यह साबित करते हैं कि बदलाव की शुरुआत किसी बड़े मंच से नहीं, बल्कि गांव के एक छोटे से विद्यालय से भी हो सकती है। ऐसे शिक्षक न केवल विद्यार्थियों का भविष्य संवारते हैं, बल्कि समाज और संस्कृति का भविष्य भी संजोते हैं।