उत्तराखंड में ऑपरेशन ‘कालनेमि’ : बाबाओं के वेश में ठगी करने वालों पर पुलिस का शिकंजा, 134 ढोंगी गिरफ्तार

उत्तराखंड में ठगी और पाखंड के खिलाफ पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुक्रवार से शुरू हुए इस विशेष अभियान में अब तक कुल 134 फर्जी साधु-संतों और तांत्रिकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये आरोपी आमजन, खासकर श्रद्धालुओं को झांसा देकर ताबीज, झाड़-फूंक और भविष्य बताने के नाम पर ठगी कर रहे थे।
हरिद्वार में सर्वाधिक गिरफ्तारियां
शनिवार को अभियान के दूसरे दिन पुलिस ने हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर में छापेमारी की। हरिद्वार से 45, देहरादून से 23 और ऊधमसिंह नगर से 66 ढोंगी गिरफ्तार किए गए। इससे पहले शुक्रवार को अभियान के पहले दिन 25 आरोपियों को पकड़ा गया था, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल था।
पुलिस एक्ट और शांति भंग करने की धाराओं में कार्रवाई
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के खिलाफ शांति भंग करने और उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस इन सभी के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है।
एसएसपी देहरादून का बयान
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय ऐसे लोगों को चिह्नित करें जो साधु-संत या फकीर के वेश में आम नागरिकों को ठग रहे हैं। शनिवार को देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों से 23 ऐसे ढोंगियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 10 अन्य राज्यों के निवासी हैं।
नकली ताबीज और झाड़-फूंक का सामान बरामद
पुलिस को आरोपियों के पास से नकली ताबीज, झाड़-फूंक के उपकरण, और अन्य भ्रम फैलाने वाला सामान मिला है। माना जा रहा है कि ये लोग धार्मिक आस्था का फायदा उठाकर लंबे समय से ठगी का काम कर रहे थे।
मुख्यमंत्री की चेतावनी
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा है कि उत्तराखंड की धरती पर धर्म के नाम पर पाखंड और ठगी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी।
अभियान जारी रहेगा
पुलिस ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और राज्य में जहां भी ऐसे ढोंगी और फर्जी बाबा-संत सक्रिय होंगे, उन्हें चिह्नित कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।