देहरादून : लंबे समय से लंबित पदोन्नति और स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर नाराज राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड ने बड़ा कदम उठाते हुए 5 जुलाई से ‘चौक डाउन हड़ताल’ की घोषणा कर दी है। रविवार को शिक्षा निदेशालय, देहरादून में संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के नेतृत्व में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान यह चेतावनी दी गई।
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा बार-बार सिर्फ आश्वासन दिए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। “अब शिक्षक केवल वादों पर नहीं, ठोस कार्रवाई पर भरोसा करेंगे। यदि 5 जुलाई तक सभी स्तरों की पदोन्नति सूची जारी नहीं हुई और स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्व की भांति सुचारु नहीं की गई, तो शिक्षक आंदोलन को मजबूर होंगे।” प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा कि शिक्षकों के हितों की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। “पदोन्नति और स्थानांतरण हर शिक्षकीय कार्य व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा हैं। सरकार की निष्क्रियता शिक्षकों के साथ खुला छलावा है।”
धरना स्थल पर गढ़वाल और कुमाऊँ मंडल के पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रांतीय संरक्षक दिनेश नौटियाल, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, कुमाऊँ मंडल अध्यक्ष डॉ. गोकुल मरतोलिया, प्रांतीय संपादक नवेंदु मठपाल, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सजवान, मंत्री डॉ. हेमंत पैन्यूली, संयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट, मंडलीय मंत्री रविशंकर गोसाई सहित राज्य भर के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रांतीय नेतृत्व और आयुष विभाग के प्रतिनिधियों ने भी धरना प्रदर्शन को समर्थन दिया। उत्तरकाशी से जिला अध्यक्ष अजय सिंह रावत और आयुष विभाग के प्रांतीय महामंत्री विजय पाल पायल ने शिक्षक संघ की मांगों को जायज बताते हुए संघर्ष में साथ खड़े रहने की बात कही।
धरने में शिक्षकों का हुजूम उमड़ा, जिनमें कुलदीप कंडारी, अर्जुन पवार, दिलबर रावत, डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट, आलोक राठौर, शंकर भट्ट, प्रकाश चौहान, हिमांशु पांडे, दीपक शर्मा, भारतेंदु जोशी, जयदीप रावत, शिव सिंह नेगी, डॉ. विवेक पांडे समेत सैकड़ों नाम शामिल हैं।राजकीय शिक्षक संघ ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया हैयदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 5 जुलाई से प्रदेशभर में विद्यालयों में ताले लगेंगे और जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।