जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला

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नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इसे आगामी जनगणना का हिस्सा बनाने का फैसला किया है। इस निर्णय की घोषणा कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। उन्होंने बताया कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने यह तय किया है कि अब जाति आधारित आंकड़े भी मूल जनगणना के साथ एकत्र किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक जाति को औपचारिक जनगणना प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर विचार का आश्वासन दिया था और एक मंत्रीमंडल समूह भी बनाया गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे केवल एक सर्वे तक सीमित रखा और जनगणना जैसे महत्वपूर्ण कदम की दिशा में आगे नहीं बढ़ी।

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जातिगत जनगणना को सिर्फ एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।” वैष्णव ने स्पष्ट किया कि जनगणना केंद्र का विषय है, जो संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत केंद्रीय सूची की प्रविष्टि संख्या 69 में शामिल है।

मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने जाति आधारित सर्वेक्षण अपने स्तर पर किए, लेकिन उनमें पारदर्शिता की कमी रही और समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से की जाने वाली यह जातिगत जनगणना व्यवस्थित और पारदर्शी होगी, जिससे सामाजिक न्याय और नीति निर्माण को मजबूती मिलेगी।

अंत में उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना है कि समाज राजनीति के दबाव में न आए, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत हो। जातिगत जनगणना देश के समग्र विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगी।”

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