Uttarakhand : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं की पिटाई, शरीर पर पड़े नीले निशान, वार्डन पर गंभीर आरोप

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विकासनगर: देहरादून जिले के कोरूवा गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में वार्डन पर छात्राओं के साथ मारपीट का गंभीर आरोप लगा है। कक्षा 6 से 12 तक की लगभग 142 छात्राएं इस विद्यालय में पढ़ती हैं। अभिभावकों और छात्राओं ने बताया कि 23 अप्रैल को वार्डन ने छात्राओं की बेरहमी से पिटाई की, जिससे वे डर गईं और दर्द से रोती रहीं। शुक्रवार को अभिभावक विद्यालय पहुंचे, जहां छात्राएं अपनी आपबीती सुनाकर रोने लगीं।

अभिभावकों और छात्राओं का आक्रोश, सड़क पर धरना

सूचना मिलने पर चकराता थाना पुलिस और नायब तहसीलदार मनोहर लाल अंजुवाल मौके पर पहुंचे। अभिभावकों ने वार्डन की गिरफ्तारी की मांग की और छात्राओं के साथ कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर धरने पर बैठ गए। विकासनगर सीओ भास्कर लाल शाह ने मौके पर पहुंचकर अभिभावकों और छात्राओं को समझाया, जिसके बाद वे सड़क से हटे। छात्राओं के शरीर पर मारपीट के नीले निशान दिखाई दिए, और उन्हें मेडिकल जांच के लिए चकराता अस्पताल भेजा गया।

अभिभावकों की सख्त कार्रवाई की मांग

अभिभावक श्रीचंद तोमर का कहना है कि हमने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए विद्यालय भेजा, लेकिन वार्डन ने उनकी बेरहमी से पिटाई की। वार्डन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अभिभावक प्रदीप ठाकुर का कहना है कि मेरी भांजी का हाल ही में दाखिला हुआ है। वह छोटी है, और वार्डन की पिटाई से उसके पैरों पर नीले निशान पड़ गए। ऐसा लगता है जैसे उसे मोटे डंडे से पीटा गया। वार्डन के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई न होना शर्मनाक है।

शिक्षा विभाग की जांच

शिक्षा विभाग के जांच अधिकारी जगदीश सिंह सजवाण ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, कोरूवा में मारपीट का मामला सामने आया है। मैं जांच अधिकारी नियुक्त किया गया हूं। एक महिला सहित जांच टीम ने छात्राओं से पूछताछ की, जिसमें प्रथम दृष्टया वार्डन द्वारा मारपीट की पुष्टि हुई। जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। वार्डन को हटा दिया गया है।

विकासनगर सीओ भास्कर लाल शाह ने कहा कि चकराता पुलिस और तहसीलदार ने मौके पर स्थिति को संभाला। विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी, और तहरीर मिलने पर पुलिस कार्रवाई करेगी। कुछ छात्राओं का मेडिकल कराया गया है। आक्रोश के कारण छात्राएं सड़क पर बैठी थीं, जिन्हें समझाकर हटाया गया।

छात्राओं के गंभीर आरोप

छात्राओं ने वार्डन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि वार्डन बेवजह मारपीट करती हैं, साफ-सफाई करवाती हैं, और रजिस्टर में गलत जानकारी दर्ज करती हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें केवल 2 पेन दिए जाते हैं, जबकि रजिस्टर में 25 पेन दिखाए जाते हैं। छात्राओं ने स्नान की सुविधा न होने और सेनेटरी पैड न मिलने की भी शिकायत की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मारपीट के दौरान कैमरे बंद कर दिए गए थे।

वार्डन का खंडन

वार्डन दीपमाला भारती रावत ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैं 2021 से यहां काम कर रही हूं और छात्राओं को अपने बच्चों की तरह रखती हूं। मेरे खिलाफ गलत तरीके से बातें पेश की जा रही हैं। मेरे परिवार के सदस्य मेरे किराए के कमरे में आते हैं।

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