आदर्श नगर की डिजिटल रामलीला में अंगद-रावण संवाद व लक्ष्मण शक्ति का मंचन, रामलीला देखने के लिए आधी रात तक लोगों की भीड़ जमा रही
रुड़की । देवभूमि आदर्श सोसाइटी आदर्श नगर रूडकी में मंगलवार की रात रामलीला मंचन के आठवें दिन रावण-अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्ति जैसे प्रसंगों का सफल मंचन हुआ। सोसाइटी द्वारा आयोजित इस रामलीला में राम भक्तों की बहुत भीड़ देखी गई। मंगलवार की रात आयोजित रामलीला में मुख्य अथिति रहे सौरभ भूषण व प्रवीण सिंधु। रामलीला मंचन की शुरुआत में दिखाया जाता है कि भगवान राम के दूत बनकर हनुमान रावण के दरबार पहुंचते हैं। वह प्रभु श्रीराम के संदेश को रावण की भरी सभा में सुनाते हैं।
हनुमान जी के निरुत्तर होने पर रावण का क्रोधित होना व साथ हीं मंचन ने मानो इतिहास को फिर से जीवंत कर दिया हो, जब सीता जी से हनुमान जी की भेंट, अक्षय वध, मेघनाद – हनुमान युद्ध, हनुमान-रावण संवाद और अंत में लंका दहन जैसे अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किए गए । इसके बाद प्रभु राम की सेना लंका पर चढ़ाई करते है। भयंकर युद्ध में रावण की सेना के कई योद्धा मारे जाते हैं। मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। यह दृश्य देख पूरे पंडाल में सन्नाटा छा जाता है। इससे पहले रामलीला मंचन के आठवें दिन की शुरुआत मुख्य अथिति रहे प्रबंध निदेशक (बिशंभर शाह ग्रुपस ऑफ़ इंस्टिट्यूटस ) सौरभ भूषण व जिला महामंत्री प्रवीण सिंधु मौजूद व पंडित कृष्ण चमोली द्वारा भगवान जी की आरती ओर मंत्रो उच्चारण के साथ हुई। भगवान जी की आरती उतार रामलीला का शुभारम्भ किया। रामलीला कमेटी द्वारा मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत भी किया गया। रामलीला मंचन का समापन रात के 12 बजे हुआ मगर इस बीच दर्शकों के उत्साह में कोई कमी नहीं देखी गई और बड़ी संख्या में दर्शक अंत तक डटे रहे।
रामलीला समिति के अध्यक्ष आदित्य तोमर सभी रामभक्तो से अनुरोध कि के इसे तरह पूरी रामलीला समापन तक ऐसे हीं जोश बने रहने के चाहिए। संरक्षक अमित शर्मा/सोनी ने कहा कि मैं पुरे वर्ष इन्ही 10दिन का इंतज़ार करता हूँ ओर यह पुरे 10दिन मेरे श्री रामभक्ति में हर वर्ष रामलीला के माध्यम से ऐसे हीं समर्पित करता रहूँगा। आठवे दिन के रामलीला मंचन में देवभूमि आदर्श सोसाइटी सदस्य कमल भाटी ,प्रदीप चौहान, राज कश्यप, अनमोल शर्मा, निखिल वर्मा, मयंक देव, राकेश यादव, अनुज सैनी, विपिन सैनी, राजकमल, रजनीश राणा, आशीष कश्यप आदि मजूद रहे।।