मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे लिए सदैव पूजनीय और अनुकरणीय रहेंगे, भगवानपुर में श्री शोभा सदन रंग मंच रामलीला का शुभारंभ

भगवानपुर । कस्बे में श्री शोभा सदन रंग मंच रामलीला का श्री गणेश आरती के साथ रामलीला मंचन शुरू हो गया है। नारद मोह लीला का सजीव मंचन किया। जिसे देख दर्शक हर्षित हो उठे। मंचन में कलाकारों ने दिखाया कि नारद जी तपस्या करने बैठ जाते हैं। उनकी घोर तपस्या से राजा इंद्र का सिंघासन हिलने लगता है। तब उनकी चिंता सताने लगती है। इंद्रदेव नारद जी की तपस्या की भंग करने के लिए सुन्दर अप्सराओं को भेजते हैं, पर वह अप्सराएं नारद की तपस्या को भंग नही कर पाती हैं। लीला में वह कामदेव को नारद की तपस्या भंग करने के भेजते हैं, पर कामदेव भी हर प्रकार का जतन करने के बाद भी तपस्या को भंग नही कर पाते हैं। तब नारद जी को इसी बात का घमंड हो जाता है। नारद के इस घमंड को चूर करने के लिए भगवान विष्णु शीलनगरी का निर्माण करते है और उसके राजा शीलनिधि को बनाते हैं। उनकी पुत्री के विवाह का आयोजन कराते हैं। नारद जी भी वहां पहुंचते हैं। नारद भगवान विष्णु के पास पहुंच कर कहते हैं प्रभु एक दिन के लिए आप मुझे हरि का स्वरूप दे दो। भगवान विष्णु नारद के घमंड को चूर करने के लिए हरि अथार्त वानर का स्वरूप दे देते हैं। नारद जी जब उसी स्वरूप के साथ शीलनगरी पहुंचते ही तब वहां उनका उपहास उड़ाया जाता है, तब नारद जी वापस आ जाते हैं इस प्रकार भगवान विष्णु नारद जी का घमंड चूर कर देते हैं। श्रीराम के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो जाता है। इस दौरान भाजपा नेता रचित अग्रवाल ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे लिए सदैव पूजनीय और अनुकरणीय रहेंगे। रामलीला के माध्यम से आने वाले पीढ़ी को प्रभु श्रीराम की जीवन लीला से अवगत कराया जाता है। भगवान राम ने हमेशा से मर्यादा में रह कर जीवन निर्वहन किया है। हम सब को उनके जीवन से सीख लेकर उसे अपने व्यवहार में उतारना चाहिए। भाजपा नेता रचित अग्रवाल ने रामलीला आयोजक गोयल परिवार को बधाई दी।

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