हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के लिए वीरेंद्र मजबूत दावेदार पिता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हरिद्वार मे सालो की सक्रियता काफी मददगार साबित हो सकती हे हालाकी आपसी गुटबाजी हो सकती है वीरेंद्र के सामने कड़ी चुनौती

लव कपूर (फाउंडर प्रेसीडेंट/सी ई ओ/एडिटर इन चीफ)

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✒️रिपोर्ट- रजत अग्रवाल(हरिद्वार)

हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के लिए वीरेंद्र मजबूत दावेदार

पिता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हरिद्वार मे सालो की सक्रियता काफी मददगार साबित हो सकती हे

हालाकी आपसी गुटबाजी हो सकती है वीरेंद्र के सामने कड़ी चुनौती

✒️रिपोर्ट- रजत अग्रवाल(हरिद्वार)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुपुत्र वीरेंद्र रावत लोकसभा चुनाव मे हरिद्वार से टिकट पाने मे कामयाब होने के बाद चुनावी दंगल मे कमर कस तैयरियों मे जुट गये है हलाकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व मे मंथन के बाद काफी देरी से हरिद्वार और नैनीताल की सीट पर प्रत्याशियों का नाम जारी किया है तो वही कांग्रेस के कई बड़े चेहरे पार्टी के इस निर्णय को मुफ़िद मान बड़ी जीत के दावे कर रहे है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राव आफाक का कहना है की हरिद्वार लोकसभा सीट पर वीरेंद्र रावत के चुनावी मैदान मे आने से कांग्रेसी कार्यकर्ता खासे उत्साहित है और इस सीट पर कांग्रेस बड़ी जीत दर्ज करेंगी

 


वैसे तो हरिद्वार मे वीरेंद्र सालो से सक्रिय है बाकायदा सामाजिक कार्यकर्मो मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर युवाओं मे अपनी एक अलग ही पहचान बना चुके है क्या शहर के युवा हो या देहात छेत्र के वहां भी वीरेंद्र अपनी ठीक ठाक पैठ बनाने मे लगभग कामयाब रहे है और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का हरिद्वार प्रेम जग जाहिर है काफी सालो से हरिद्वार मे हरीश रावत खासे सक्रिय रहते है और उनको भी अपनी राजनैतिक विरासत को भी आगे बढ़ाना है पुत्री अनुपमा रावत तो हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से पहले से ही विधायक है तो अब पुत्र वीरेंद्र रावत के हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनने से राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने मे और बल मिला है तो वही वीरेंद्र रावत के हरिद्वार से चुनाव लड़ने मे पिता की हरिद्वार मे सालो की सक्रियता भी मिल का पत्थर साबित हो सकती है हालाकी कांग्रेस को भीतरघात से निपटना भी काफी चुनौतिपूर्ण हो सकता है क्योंकि पिछले कई चुनावो मे हरिद्वार मे गुटबाजी सामने आ चुकी है ऐसे मे वीरेंद्र रावत को कांग्रेसी नेताओं मे आपसी सामजस्य स्थापित करना काफी चुनौतिपूर्ण हो सकता है

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