रोटी खाने से भी बढ़ सकता है यूरिक एसिड, ये टॉक्सिन पैर के अंगूठे और उंगलियों का बढ़ा सकते हैं दर्द, होम्योपैथी ट्रीटमेंट से करें दर्द गायब

रोटी खाने से भी बढ़ सकता है यूरिक एसिड, ये टॉक्सिन पैर के अंगूठे और उंगलियों का बढ़ा सकते हैं दर्द, होम्योपैथी ट्रीटमेंट से करें दर्द गायब

यूरिक एसिड का बढ़ना एक ऐसी परेशानी है जो किसी को भी कभी भी परेशान कर सकती है। हाई यूरिक एसिड की बीमारी के लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल पूरी तरह जिम्मेदार है। डाइट में प्यूरीन का अधिक सेवन बॉडी में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा देता है। यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जो सभी की बॉडी में बनते हैं और किडनी उन्हें फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकाल देती है।

जब प्यूरीन डाइट जैसे रेड मीट,खासतौर पर लिवर और किडनी जैसे ऑर्गन मीट, शराब, बीयर,मीठा पेय, कैंडी और डेसर्ट,मक्खन, क्रीम, आइसक्रीम, नारियल तेल, फ्रूट जूस, सीफूड जैसे शेलफिश, एंकोवी और टूना मछली का अधिक सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है।

डॉक्टर चक्षु मिश्रा के मुताबिक हमारे खाने में ज्यादा प्रोटीन यूरिक एसिड हाई होने का कारण बनता है। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है उन्हें पैर के अंगूठे में खतरनाक तरीके का दर्द रहता है,मसल्स में स्टिफनेस बढ़ने लगती है,उंगलियों में दर्द होना,ज्वाइंट में स्टिफनेस होना हाई यूरिक एसिड के लक्षण हो सकते हैं। यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है जिससे 80 फीसदी हिन्दुस्तानी कभी न कभी परेशान जरूर रहते हैं। हमारी डाइट में एक्सट्रा प्रोटीन यूरिक एसिड बढ़ने का बड़ा कारण है। अक्सर हम लोग नॉनवेज,कुछ दालों से परहेज कर लेते हैं लेकिन जिस अनाज की हम रोटी खा रहे हैं उसे नजरअंदाज कर देते हैं। अनाज में आटा हमारा मुख्य अनाज है जिसका सेवन हम रोटी बनाकर करते हैं। आप जानते हैं कि रोटी का सेवन करने से भी यूरिक एसिड का स्तर तेजी से बढ़ता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आटा जिसकी रोटी हम खाते हैं वो कैसे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाता है।

एक्सपर्ट के मुताबिक जिस आटे की आप रोटी बनाकर खाते हैं वो भी आपका यूरिक एसिड हाई कर सकता है। गेहूं का आटा हमारी डाइट का अहम हिस्सा है जिसमें प्रोटीन मौजूद होता है जिसे हम ग्लूटेन भी कहते हैं। ग्लूटेन एक बहुत ही अनोखा खाद्य प्रोटीन है जो गेहूं में मौजूद होता है।

ग्लूटेन गेहूं के दानों का मुख्य भंडारण प्रोटीन है जो कई जुड़े हुए लेकिन अलग-अलग प्रोटीनों का एक उन्नत मिश्रण हो सकता है। अगर आप ये सोचते हैं कि दाल, चना, अर्बी, चना, राजमा,लोबिया,उड़द का सेवन करने से ही यूरिक एसिड बढ़ता है तो आप गलत हैं। आप जिस आटे की रोटी खा रहे हैं वो भी आपका यूरिक एसिड बढ़ा रही है। अगर आप यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो गेहूं के आटे से बनी रोटी से परहेज करें।

अगर यूरिक एसिड हाई रहता है तो आप मिल्क प्रोडक्ट का सेवन सोच समझकर करें। मिल्क प्रोडक्ट का सेवन आप मट्ठा,घी और दही के रूप में करें। दही का सेवन भी आप पतला करके करें।

अरहर की दाल,उड़द की दाल और मसूर की दाल का सीमित सेवन कर सकते हैं। लेकिन याद रखें कि दाल का सेवन सूप के रूप में और सीमित करें। चना,लोबिया,मटर का सेवन करने से परहेज करें।

साबुत अनाज में आप जौ,मक्का,बाजरा, रागी,ज्वार,चना,सूजी,दलिया,ओट्स,किनोवा और साबुत दाना का सेवन कर सकते हैं। ये अनाज आपका यूरिक एसिड कंट्रोल करते हैं।

बिस्तर से उठते ही एक्सरसाइज करें। आप बिस्तर पर बैठे-बैठे पैरों के अंगूठे को घुमाएं,शॉल्डर और कलाईयों की एक्सरसाइज करें। घुटनों की एक्सरसाइज करें। बिस्तर से उठते ही एक्सरसाइज करने से स्टिफनेस दूर होती है और जोड़ों का दर्द कम होता है।

होम्योपैथी दवाई का सेवन करके आप किडनी की सफाई कर सकते हैं और बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकाल सकते हैं।

गाउट अटैक को कंट्रोल करने के लिए होम्योपैथी में यूरिक एसिड से ही दवाई बनाई जाती है जो 24 घंटे में ही यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करती है।

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