सरसों की बुआई का ये है सबसे सही समय, किसान इस तकनीक से ले सकते हैं अच्छी पैदावार, बुआई से पहले सरसों के बीज का अवश्य करें शोधन

सरसों की बुआई का ये है सबसे सही समय, किसान इस तकनीक से ले सकते हैं अच्छी पैदावार, बुआई से पहले सरसों के बीज का अवश्य करें शोधन

सरसों की बुआई 15 अक्तूबर से शुरू हो जाती है, जो नवंबर की शुरूआत तक की जाती है। जिन किसानों को सरसों की बुआई करनी है, उन्हें तत्काल कर देना चाहिए। सरसों की बुआई लाइन से लाइन में करनी चाहिए। लाइन से लाइन की दूरी 45 सेमी होनी चाहिए। किसी यदि देसी प्रजाति की सरसों की बुआई यदि करना चाह रहे हैं तो आरएच 725, आरएच 749, बृजराज राधिका की बुवाई करें। यदि पीला सरसों की बुआई करना चाह रहे हैं तो पितांबरी, नरेंद्र राई 8501 की बुआई कर सकते हैं। यदि कोई किसान हाईब्रिड बीज की बुआई करना चाह रहा है तो उसकी कई प्रजातियां बाजार में उपलब्ध हैं।
किसानों ने बताया कि सामान्य सरसों की बुआई में एक एकड़ खेत में 50 किलो ग्राम डीएपी 10 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करें। 100 किलो ग्राम यूरिया का प्रयोग शुरू से लेकर अंत तक करना चाहिए। सल्फर, डाई का प्रयोग बुआई के समय करें, जबकि यूरिया का प्रयोग खड़ी फसल में करें। किसान चाहें तो सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग कर सकते हैं। पर इसकी मात्रा अधिक होगी। एक एकड़ खेत में तीन बोरी सुपर फास्फेट का प्रयोग करें। उसमें नाइट्रोजन की मात्रा नहीं होती है इसलिए उसके साथ एक बोरी यूरिया का भी प्रयोग करें।

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