बॉडी के लिए ज़हर हैं ये 4 कुकिंग ऑयल, स्लो प्वाइज़न की तरह करते हैं असर

बॉडी के लिए ज़हर हैं ये 4 कुकिंग ऑयल, स्लो प्वाइज़न की तरह करते हैं असर

आप जानते हैं कि जिन कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल आप पूरी, सब्जी, समोसे और दूसरी डिश बनाने में करते हैं वो आप की बॉडी पर स्लो प्वाइजन की तरह असर करते हैं। खाने का तेल हमारे फूड्स में इस्तेमाल होने वाली खास फूड सामग्री है जिससे खाना स्वादिष्ट लगता है और खाने में रौनक भी आती है। बॉडी को हेल्दी रखने के लिए और खाने को स्वादिष्ट और सेहत के अनुकूल बनाने के लिए आप खाने के तेल का चुनाव बेहद सोच समझ कर करें।

आपके द्वारा चुना गया खाना पकाने का तेल आपके स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। खराब तेल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है और दिल के रोगों का जोखिम भी दोगुना होने लगता है। अनहेल्दी कुकिंग ऑयल का सेवन करने से बॉडी वेट बढ़ने का भी खतरा अधिक रहता है। खराब ऑयल डायबिटीज,ब्लड प्रेशर और कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगते है।

रिफाइंड तेल समेत कई तेल ऐसे हैं जो सेहत पर स्लो प्वाइजन की तरह असर करते हैं। रिफाइंड तेल, प्राकृतिक तेलों का प्रोसेस्ड रूप होता है,जो तेलों को कई प्रकार के रसायनों और गंध के साथ फिल्टर करके बनाया जाता है। इस तरह के तेल हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हम आपको 4 कुकिंग ऑयल के बारे में बताते हैं जो हमारी सेहत के लिए ज़हर हैं।

पाम ऑयल दिल के लिए है खतरा

पाम ऑयल सैचुरेटिड फैट से भरपूर होता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है और दिल के रोगों का खतरा ज्यादा होता है। अधिक मात्रा में इस तेल का सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ता है और मोटापा कंट्रोल नहीं रहता। बढ़ता मोटापा डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर जैसी क्रॉनिक बीमारियों का शिकार बना देता है।

मक्के का तेल नहीं खाएं

वेजेटेबल ऑयल की तरह मक्के के तेल में भी उच्च स्तर का ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। डाइट में ओमेगा-6 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होने से बॉडी में सूजन हो सकती है। अपने ओमेगा-6 सेवन को संतुलित करने के लिए,अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। मक्के के तेल का सीमित सेवन करें वरना मोटापा, कैंसर का खतरा और विषाक्तता जैसी परेशानी बढ़ सकती है।

सोयाबीन ऑयल से परहेज करें

प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में सोयाबीन ऑयल ऐसा तेल है जिसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। ये तेल ओमेगा -6 फैटी एसिड का एक स्रोत है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि सोयाबीन का तेल खाने से मोटापा, डायबिटीज, ऑटिज्म, अल्जाइमर, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। इस तेल में मौजूद सैचुरेटेड फैट बॉडी के लिए हानिकारक है।

जैतून का तेल भी बिगाड़ सकता है सेहत

जैतून के तेल को सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इस तेल का सेवन सलाद और कुछ व्यंजनों पर छिड़क कर किया जाए तो सेहत के लिए फायदा है। यह तेल उच्च ताप पर खाना पकाने के लिए उपयुक्त नहीं है। यह कम तापमान पर खाना पकाने के लिए सबसे उपयुक्त है लेकिन इसे गर्म करने से सेहत को नुकसान होते हैं। इस तेल से मुहांसे, स्किन पर लाल चकत्ते या डायरिया की समस्या हो सकती है।

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