नाश्ते में पोहा या फिर चावल, कौन सा फूड है ज्यादा हेल्दी, जानिए दोनों का बॉडी पर कैसा होता है असर
नाश्ते में पोहा या फिर चावल, कौन सा फूड है ज्यादा हेल्दी, जानिए दोनों का बॉडी पर कैसा होता है असर
पोहा या चिवड़ा लम्बे समय से भारत के कई हिस्सों में पसंदीदा नाश्ते के रूप में खाया जाता है। सुबह के नाश्ते में इसका सेवन करने से बॉडी एनर्जेटिक रहती है और पेट लम्बे समय तक भरा रहता है। पोहा एक ऐसा फूड है जिसे बनाना बेहद आसान हैं। इसे बनाने में बहुत कम समय लगता है। यह हल्का, आयरन और कार्ब्स से भरपूर फूड है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम है। पोहा की तुलना अगर चावल से की जाए तो इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो ब्लड में शुगर का स्तर हाई करता है। चावल का सेवन करने से इंसुलिन में उतार-चढ़ाव आता है,बॉडी में सुस्ती रहती है और वजन भी तेजी से बढ़ता है।एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झांजेर के मुताबिक पोहा एक हेल्दी नाश्ता है जिसका सेवन सुबह और शाम दोनों समय किया जाता है। इसे बनाने में बेहद कम समय लगता है। लोगों का मानना है कि पोहा और चावल दोनों एक ही चीज़ हैं और दोनों से बॉडी को एक ही तरह का फायदा होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक पोहा और चावल के गुण पूरी तरह अलग हैं।
सफेद चावल को इस हद तक पॉलिश किया जाता है कि इसके पोषक तत्व और फाइबर की मात्रा इसमें खत्म हो जाती है, जबकि पोहा में लगभग 70% हेल्दी कार्बोहाइड्रेट और 30%वसा होती है। इसे पकाना और पचाना दोनों ही आसान होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पोहा चावल से कैसे बेहतर है और इसके सेहत के लिए कौन-कौन से फायदे हैं।
पोहा चावल से कैसे बेहतर है
पोहा बेहतरीन नाश्ता है जो चावल से कई गुणा बेहतर है। पोहा को धान को आंशिक रूप से पकाकर और फिर इसे घंटों तक धूप में सुखाकर बनाया जाता है। जब तक यह थोड़ा सख्त न हो जाए इसे पकाया जाता है। इसे ‘फ्लैट चावल’ या पोहा का रूप देने के लिए कूटकर चपटा किया जाता है। पोहा को बनाने के लिए बहुत अधिक प्रसंस्करण से नहीं गुजरना पड़ता है और आमतौर पर इसे पॉलिश नहीं किया जाता है।
जबकि सफेद चावल को इस हद तक पॉलिश किया जाता है कि इसमें पोषक तत्व और फाइबर की मात्रा खत्म हो जाती है। पोहा पकाने और पचाने के मामले में कम संसाधित और हल्का होता है। चावल को बनाने के लिए प्रोसेसिंग किया जाता है। चावल को पॉलिश करने से उसमें कार्बोहाइड्रेट रह जाता है और फाइबर कम हो जाता है जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है। पोहा चावल से बहुत ज्यादा बेहतर है।
पोहा को खाने से कौन-कौन से फायदे होते हैं
पोहा का सेवन करने से बॉडी में आयरन की कमी पूरी होती है। गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर पोहा खाने की सलाह दी जाती है। इसका सेवन करने से बॉडी को विटामिन सी मिलता है और बॉडी में खून की कमी पूरी होती है।
चावल की तुलना में इसे पचाना आसान होता है। पोहा को नाश्ते और शाम के नाश्ते में खाया जा सकता है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और बॉडी में इंफ्लामेशन कम होता है। पोहा में कुछ सब्जियां, नमक, एक बड़ा चम्मच सरसों का तेल डालें और इसे पकाकर उसका सेवन करें सेहत को फायदा होगा।
इसमें कैलोरी बेहद कम होती है जो वजन को कंट्रोल करने में असरदार है। पोहा की एक कटोरी में लगभग 250 कैलोरी होती है जबकि उतनी ही मात्रा में पके हुए चावल में 333 कैलोरी होती है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो पोहा को सुबह के नाश्ते में शामिल करें।
पोहा का सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहता है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।